
विलंब से आते हैं और विगत कुछ दिनों से छब्बीस जनवरी के मद्देनजर से बढ़ी हुई चौकसी की वजह से अखबारों पे नजर नहीं फेर पा रहा था।...अचानक से कल निगाह पड़ी इस खबर पर तो धक्क से रह गयी धड़कनें एकदम से।
वर्ष 1993 की बात थी। सितम्बर या अक्टूबर का महीना। राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में मेरा पहला सत्र। हम सभी कैडेटों को एक-एक प्रोजेक्ट मिला था करने को। मेरे प्रोजेक्ट का विषय था "20th Century's Best-sellers"...और अपने उसी प्रोजेक्ट के सिलसिले में मेरा वास्ता पड़ा LOVE STORY से। उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़...!!! जेनिफर और ओलिवर की इस अद्भुत प्रेम-कहानी ने मुझे मेरे पूरे वज़ूद को तरह-तरह से छुआ था और जाने कितनी बार पढ़ गया था मैं इस सौ पृष्ठ वाले उपन्यास को। उपन्यास की पहली ही पंक्ति में लेखक नायिका को मार देता है और

फिर इस ट्रेजिक प्रेम-कहानी का ताना-बाना कुछ इतनी खूबसूरती से बुना गया है...विशेष कर जेनिफर-ओलिवर के बीच के संवाद इतने मजेदार हैं कि आह...और अचानक से जो पता चला कि एरिक सिगल नहीं रहे तो दुखी मन मेरा ये पोस्ट लिखने बैठ गया। लव-स्टोरी की वो पहली पंक्ति याद आती है:-
What can you say about a twenty five year old girl who died?...that she was beautiful. And brilliant.That she loved Mozart and Bach.And the Beatles.And me
...बाद में इसी किताब पर आधारित इसी नाम से बनी फिल्म भी देखने का मौका मिला था। हलाँकि किताब वाला जादू फिल्म जगा नहीं पायी थी। इधर दो-एक साल पहले हिंदी में भी एक फिल्म आयी थी "ख्वाहिश" नाम की, जो मल्लिका शेरावत द्वारा दिये गये अनगिनत चुंबन-दृश्यों की वजह से सुर्खियों में रही थी। वो इसी किताब पर आधारित थी, यहाँ तक कि सारे डायलाग तक हिंदी में अनुवाद कर लिये गये थे। खैर, विषय से न भटकते हुये...वो वर्ष 93 का सितम्बर-अक्टूबर वाला महीना था, जब मेरा पहला परिचय हुआ था एरिक सिगल से और लव-स्टोरी पढ़ लेने के पश्चात बावरा हुआ मन उनकी सारी कृतियाँ खरीद लाया अपने संकलन के लिये। चाहे वो "Doctors" हो या फिर "Class" हो या फिर "Man,Woman and Child" ...या...या फिर लव-स्टोरी का ही सिक्वेल "Oliver's Story" हो। एक बार जब वो शेखर कपूर निर्देशित "मासूम" देखने का मौका मिला तो पता चला कि ये "Man,Woman and Child" पर ही आधारित है। वैसे अभी हाल ही में आयी "जाने तू या जाने ना" का प्लाट भी सच पूछिये तो बहुत कुछ "Doctors" पर ही आधारित है।
पिछले कुछेक सालों से मेरा ये प्रिय लेखक पार्किंसन से ग्रस्त था और तिहत्तर साल की उम्र में चला गया वो। यकीनन उधर ऊपर भी वो ईश्वर को अपनी "लव-स्टोरी" सुना रहा होगा। उनकी दिवंगत आत्मा को मेरा एक कड़क सैल्युट और श्रद्धांजलि...