ड्युटी पर वापस लौटे ये ग्यारहवां दिन। ड्युटी पर...?? हाँ, कुछ हद-बंदियाँ{रेस्ट्रिकश्न} हैं चोट की वजह से, फिर भी ड्युटी तो है ही।
इधर वादी अपना रंग-रूप बदल रही है...बदल चुकी है। हरी-भरी वादी एकदम से लाल, भूरा और सफेद होने की तैयारी में। रंगों की ये अजीब लीला अचानक समीरलाल जी की एक हृदयस्पर्शी लघुकथा की याद दिला गयी। यूँ समीर जी की ये कथा किसी और संदर्भ को इंगित थी{खुशदीप सहगल जी की टिप्पणी इसी कथा पर काबिले-गौर हो}। आज पोस्ट के नाम पर सोचा कि आपलोगों को वादी में मची रंगों की इस अद्भुत लीला की कुछ झलकियाँ दिखाऊँ।
...तो पेश है कुछ तस्वीरें मेरे आस-पास की। ये सारी तस्वीरें मेरे सीओ {कमांडिन्ग आफिसर}कर्नल विवेक भट्ट ने अपने कैमरे{निकन डी-60} से खींची हैं इन तस्वीरों पर उनका सर्वाधिकार सुरक्षित है। मेरे सीओ साब बड़े ही जबरदस्त शूटर हैं- कैमरे से भी और राइफल से भी। देखिये ये तस्वीरें और जलिये-भुनिये :-)...
कैसी लगी ये तस्वीरें? ईश्वर ने क्या सचमुच अन्याय नहीं किया है जन्नत के इस टुकड़े संग? आखिरकार सब कुछ तो उसी परमपिता परमेश्वर के हाथों में होता है। इस जमीन की ये बेइंतहा खूबसूरती उसी सर्वशक्तिमान का तो जलवा है और वो यदि चाहे तो यहाँ का सुलगता माहौल भी एक चुटकी में सामान्य हो जाये...!!!
धरती के इस स्वर्ग में एक बार फिर से प्रेम-सौहार्द-भाईचारे और कश्मीरियत का मौसम लौटे, आइये सब मिलकर दुआ करें!
आमीन! आप की दुआ कबूल हो!
ReplyDeleteतस्वीरें वाकई बहुत खूबसूरत हैं। इस में सब्जेक्ट तो खूबसूरत है ही। कैमरे का नियंत्रण भी भरपूर है। आप के सीओ साहब को इन तस्वीरों के लिए बधाई पहुँचाएँ। आप का आभार इन तस्वीरों के माध्यम से ताजा काश्मीर की झलक दिखाने के लिए।
बेहतरीन तस्वीरें। शानदार!
ReplyDeletebahut khubsurat tasveeren hain , shooting ka kamaal bhi hai, dil karta hai kashmir aaun , kashmir nahin dekha hai , dekhen ishwar kab sunte hain.
ReplyDeleteसच में जल भून गये...काहे प्राण हरने पर जुटे हो प्राण रक्षक...
ReplyDeleteसॉलिड पोस्ट...एक ही नाँव तो है..क्या कनाडा और क्या वहाँ कश्मीर...
आज तो ठंड कुछ ज्यादा डिमांड कर रही है... :)
आमीन ...!!
ReplyDeleteरंगों की वादियों में मेहरबानियों की बरसात हो
ReplyDeleteझील में तैरें कभी , कभी पर्वतों की बात हो
डर कोई छु न पाए ऐसी भी कोई रात हो
प्यारी इस धरती पर उम्मीदों की शुरुआत हो
ईश्वर से हमारी यही प्रार्थना है देश में अमन चैन कायम करें ...आमीन ...
खूबसूरत तस्वीरों ने दिल लूट लिया
कितनी खूबसूरत ये तस्वीर है,
ReplyDeleteअरे मौसम बेमिसाल, बेनज़ीर है,
ये कश्मीर है...ये कश्मीर है...
गौतम भाई असली सैल्यूट तो आपको है...आप सीने पर गोली खाते हो कि हम अपने घरों में महफूज़ बैठे रहें...अगर राजनीति न हो तो ये समस्या कब की सुलझ जाए...
जय हिंद...
ड्यूटी ज्वाईन ...हां भैय्या फ़ौजी को इससे ज्यादा छुट्टी कहां .....यार क्या क्या लिखूं ...आज की पोस्ट के लिए..
ReplyDeleteजले नहीं फ़ुंक गए एक दम से.....ऐसी गजब की फ़ोटुएं खींचते हैं तो ...शूटर तो कमाल हैं ही सी ओ साहब ..उन तक हमारी जय हिंद पहुंचाई जाए...॥
आज भी और पहले भी जब भी कश्मीर की वादियों को देखता हूं तो .....नानी द्वारा कहानियों में स्वर्ग का किया गया वर्णन घूमने लगता है ....पता नहीं किसकी नज़र लगी हुई है .....
बच्चा लाल ..हम भी आ रहे हैं वादियों में और १३ तक वहीं विचरण करेंगे ....और हां फ़ोटुएं तो खींचेगे ही ....सी ओ साहब की तरह न सही तो रंगरूट की तरह ही सही
चित्रों के बारे में बस इतना ही कहूँगा
ReplyDelete"लाली देखन मैं गई हो गइ मैं भी लाल"
ये प्रेमवर्ण वृक्ष कौन से हैं?
...
कश्मीर/कश्मीरियत पर अपने लिए बस इतना
"मौन ही अभिव्यंज़ना है
जितना तुम्हारा सच है उतना ही कहो।"
मैं चुप रहूँगा। इन चित्रों के सामने चुप रहना श्रेयस्कर है।
आभार, उम्दा फोटोग्रॉफी से दीदार कराने के लिए।
सी ओ साहब हो मेरा सैल्यूट।
जय हिन्द !
चित्रों के बारे में बस इतना ही कहूँगा
ReplyDelete"लाली देखन मैं गई हो गइ मैं भी लाल"
ये प्रेमवर्ण वृक्ष कौन से हैं?
...
कश्मीर/कश्मीरियत पर अपने लिए बस इतना
"मौन ही अभिव्यंज़ना है
जितना तुम्हारा सच है उतना ही कहो।"
मैं चुप रहूँगा। इन चित्रों के सामने चुप रहना श्रेयस्कर है।
आभार, उम्दा फोटोग्रॉफी से दीदार कराने के लिए।
सी ओ साहब हो मेरा सैल्यूट।
जय हिन्द !
ek dil ki ichha hai ki kashmir dekhun ,bachpan mein "bemisaal" movie ne jo bhawna bhar di thi ander wo har baar badti jaati hai ...Kashmir aur kashmireyat k liye ..
ReplyDeleteSahi mein aapkey CEO sahab ki photography utni hi khubsoorat hai jitna ki "kashmir" ho sakega to January mein Kashmir jarur aaunga ..
Darshan
waisey is baar mainey b Indian army k upar kuch likhney ki koshish ki hai ..ho sake to apdhiyega ..
http://darshanmehra.blogspot.com
सुन्दर तस्वीरें ..बहुत ही सुन्दर..शेष बातों पर मैं कुछ नही कहूँगी. :-)
ReplyDeleteAwesome pics
ReplyDeleteतस्वीरें इतनी मनमोहक हैं कि वास्तव में जल-भुन रहा हूँ :)
ReplyDeleteइस सृष्टि को बनाने वेल से दुआ करता हून कि अपना करिश्मा दिखाए और सब कुछ सही सलामत, शांत कर दे, अमन-चैन का माहौल पैदा कर दे.
...अब पत्ते चिनारों से..... सुन्दर चित्र संकलन
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत तस्वीरे हैं!
ReplyDeleteकाश्मीर में सुलगते माहौल का होना इस देश के दुर्भाग्यों में से एक है।
खूबसूरत तस्वीरों से सजी ऐसी किसी पोस्ट का कब से इंतज़ार था...शुक्रिया,इतने मनमोहक तस्वीरों से रु-ब-रु करवाने का.....मेरा एक मित्र अभी अभी कश्मीर घूम कर आया है...और मेरे पीछे पड़ा है..एक बार जरूर जाओ...अब समझ में आया क्यूँ इतने पुरजोर तरीके से सिफारिश कर रहा है...ये तस्वीरें मुझे फिर से उकसा रही हैं,'की- बोर्ड' की संगत छोड़ एक बार ब्रश और पेंट उठाने के लिए...पर ईश्वर की इस ख़ूबसूरत संरचना को कैमरा भले ही क़ैद कर ले,मेरी तूलिका कहाँ कर पायेगी..
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत फोटोग्राफ्स हैं...... सबसे नीचे वाली फोटो को डेस्कटॉप पे लगा लिया है........
ReplyDeleteविवेक जी को मेरी तरफ से बधाई देना एक बहुत अच्छे फोटोग्राफर होने की और जो रंग संयोजन उन्होंने कैमरे की आंख से उतारे हैं वे अद्भुत हैं । क्या सचमुच ही काश्मीर इतनी ही सुंदर है । काश मैं भी काश्मीर को देख पाता ।
ReplyDeleteप्रकृ्ति कितनी खूबसूरत है? क्या इस से खूब सूरत कोई चीज़ दुनिया मे हो सकती है आपकी ये पोस्ट देख कर तो अपना दिल भी इन वादियों को देखने के लिये लालातित हो उठा है। हम भी अपके साथ यही दुआ करते हैं कि धरती का ये स्वर्ग यूँ ही फलता फूलता रहे और किसी की बुरी नज़र से बचा रहे। बहुत बहुत आशीर्वाद
ReplyDeleteफोटो देखते ही सोचा कि लो वीर जी का एक और नया रूप...फोटोग्राफर का.. मगर आगे बढ़ते ही पता चला कि सर्वाधिकार सुरक्षित किसी और के नाम है....! कर्नल साब को इन फोटोज़ के लिये एक तगड़ा सैल्यूट...!
ReplyDeleteमन मुग्ध हो गया...! वाल पेपर बना लिया गया कुछ दिन के लिये...! ये अलग बाद है कि इसके बाद कंप्यूटर आन करते ही कुछ और सर्दी लगने लगेगी...!
excellent post...!
अमीन !! चिनार के यह पत्ते यूँ ही मुस्कराते रहे ...बहुत बढ़िया पिक्चर्स ली है ..वाकई जन्नत है कश्मीर ..
ReplyDeleteवाह ! बहुत खूब सूरत तस्वीरें है ।
ReplyDeleteमन खुश हो गया इन तस्वीरों को देखकर।
ईश्वर से प्रार्थना है फिर से इस जन्नत में
अमन चैन बहल हो !
अपने शहर के कवि कृष्ण कबीर की पंक्तियां याद आई
ReplyDeleteतुम अपना मुंह उधर फेर लो
यहां वस्त्र बदल रही है
प्रकृति.
हालांकि ये वसंत का रूपक है पर आपके वहां प्रकृति जाने कितनी बार ऐसा करती है.देखिये न अब वो शुभ्रवसना होने जा रही है.
अनुपम चित्र.
आपकी दुवा ज़रूर कबूल होगी ........
ReplyDeleteऔर कमाल के चित्र हैं ये ....... बहुत ही खूबसूरती से क़ैद किया है इन लाजवाब दृश्यों को ......... जीवित, बोलते हुवे चित्र हैं .......
बेहद खुबसूरत और मनमोहक.....
ReplyDeleteregards
गौतम साब
ReplyDeleteपिछले बरस जब मैं कश्मीर गया था तो वही सब कुछ महसूस किया था जो आपने अपनी पोस्ट में लिखा है..........वो भी दिसंबर का ही महीना था...........वही चिनाब का पानी, उदास डल झील, सिसकते कुहसार.....सच मानिये वादी को पहली बार देखा था तब लगा था की वाकई ज़न्नत यही है......... उम्मीद कायम है आप लोग हैं तो अमन चैन ज़रूर लौटेगा.......ओपरेसन सद्भावना में क्या चल रहा है? सी ओ साब के फोटो ग्राफ बहुत जीवंत हैं.......उन्हें भी आपके साथ हमारा सैल्यूट.
काश इन तस्वीरों की तरह हर इंसान खूबसूरत होता...
ReplyDeleteमीत
दिल से दुआ है इसकी......धरती का यह स्वर्ग स्वर्ग ही रहे.......
ReplyDeleteकर्नल साहब का कमाल तारीफे काबिल है......
wow! kya itnaaaa ...khoobsurat hai kashmir
ReplyDeletenaina
गौतम जी लाजवाब फोटोग्राफी है.
ReplyDeleteआप खुशनसीब इंसान है हर जगह आपके साथ बेहतरीन लोग. महेश भट्ट साहब ने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि मल्लिका जब पहली बार सेट पर आई थी तो मैं बहुत नर्वस हो गया था आखिर मैंने कह ही दिया कि तुम्हें एक्टिंग करनी नहीं आती है तो मल्लिका ने कहा कि "सुना है कुछ लोग बुतों में जान फूंकते है तो ये काम आप करके दिखाईये" खैर साहब ये काम उन्होंने कर दिखाया. मुझे तो लगता है कि सुन्दरता को और सुंदर कैसे बनाया जाये ये हुनर कुछ ही फनकारों के पास है जिनमे आपके मेजर साहब भी हैं. कर्नल साहब को मेरा सलाम पहुंचे.
adhbhut !! behad khoobsoorat! na jaane kab khud apni nigaahon se dekh paaungi !!
ReplyDeleteखामोश लेंस
ReplyDeleteधरा की तह
खोलता है ...
मासूम तस्वीरें
अनजानों से
बेबाक बोलती हैं...
बहुत खूब लिखा है आपने
ReplyDeleteआभार ...........
बेहतरीन। बधाई।
ReplyDeleteवाकई बेहतरीन और सुन्दर तस्वीरें हैं। और हम देखने के शौकिन है। इतनी सुन्दर फोटो खीचने के लिए हमारी तरफ से शुक्रिया कहिऐगा जी विवेक जी को। आज ही नीरज जी ने भी कुछ फोटो लगाए है। आज का दिन सुन्दर फोटो के नाम रहा। और आप डयूटी पर आ गए। ये छट्टियाँ इतनी कम क्यों होती है जी? चलिए कोई बात नही। इस मौसम का भी आनंद लीजिए। और सच इस सुन्दर प्यारी जगह को ना जाने किसकी नजर लग गई है?
ReplyDeleteBehad khubsurat tasveeren li hain..Col.Vivek Bhatt ji ko bahut bahut bahdayee dijeeyega.
ReplyDeletesabhi tasveeren ek se badh kar ek hain.
Ishwar kare aap ki duayen kubul ho aur yah swarg hamare desh ka atoot hissa bana rahe aur aman shanti,bhaaye chare ka mahol phir se laute.
हवा जो इतनी सर्द सर्द है
ReplyDeleteसांस तो हमारी गर्म गर्म है
आ मेरे करीब आ
पिघला दे मेरे तेरे बीच
ये जो ठहरी हुयी बर्फ है.
ये वादीये कश्मीर है ..जन्नत यहीं पे नसीब है ये वादीये कश्मीर है
ReplyDeleteआपके सारे साथियों को ' जै जै ' और हमारी ओर से , मानभरे सलाम
१९८१ में कश्मीर घुमने गये थे हम लोग -
वहां की यादें आज भी जहन में बसी हुईं हैं
आप सब को ईश्वर सुरक्षित रखें ..
ये हमारे दिल की सच्ची दुआ है
स स्नेह,
- लावण्या
बेहद खूबसूरत तस्वीरें ! विवेक जी का आभार ।
ReplyDeleteइस दुआ के बदले सिर्फ आमीन कह सकता हूँ लेकिन इस यकीन के साथ कि एक दिन ऐसा जरूर होगा जब कश्मीरियत और भारतीयता की ही जीत होगी और फिरकापरस्ती मुंह छुपाये न सिर्फ भारत बल्कि कश्मीर समेत चप्पे चप्पे से रुखसत होगी. फोटो बहुत ही दिलकश हैं. सबसे ख़ास चीज़ जो पसंद आई उसका ज़िक्र करता हूँ-- अब तक कश्मीर के नाम पर जो फोटो आते थे उनमें पर्वत/झील/शिकारे/फूल/.....वगैरह वगैरह जरूरी होते थे. ये तस्वीरें कश्मीर का बकिया,छुपा हुआ हुस्न सामने लाईं. सी.ओ. साहिब को मेरी तरफ से shukriya bol dena.
ReplyDeletesahi mein.. aapke CO saab to shandaar "shooter" hain... aur han, ab in pics par mera copyright ho gaya!!!
ReplyDeletekhwaab mein dekha tha,
in tasveeron sa hi kuch,
uffff neend khul kyon gayi...
हमारे सरदार जी कहते थे डॉ साहब आप आठ बजे से पहले आँख नहीं खोल पायोगे कश्मीर में .ओर मेरी आँख सुबह पांच बजे खुल जाती थी ...लगता था सोने में टाइम वेस्ट न करूँ.....आँखों में भर लूँ ये ख़ूबसूरती ......जानते हो मेजर... जब डल झील के पास पाने उस कन्वेंशन सेंटर में मै सुबह पहुंचा .तो मैंने अपने दोस्त से यही कहा था के भगवान् ने एक जगह क्यों सारी ख़ूबसूरती लुटा दी है ......फिर कहा चाहे कुछ हो जाए .ये हिस्सा उनके पास नहीं जाना चाहिए .रोज के बमों ओर लड़ाई झगड़ो से इसे भी मिटा देगे ....कश्मीर में सिर्फ क्लिक्क करने से हर आदमी लाजवाब फोटोग्राफर बन जाता है ...यकीन नहीं आतातो ..मेरी फेस बुक देख लो
ReplyDeleteगौतम
ReplyDeleteविवेक जी और आप को कश्मीर की कश्मीरियत और नयनाभिराम सौन्दर्य के घर बैठे दर्शन करवाने के लिए धन्यवाद .
आपका ' जलिए भुनिए ' पढ़कर मुझे एक ऑटो रिक्शा पर लिखा यह वाक्य याद आ गया -' राहुल शहर में एक ही है , देखिये और जलिए .'
सब के सब चित्र मनोहारी मंत्रमुग्ध कर देने वाले हैं......सचमुच चित्रकार का फ़न नमन करने योग्य है.....
ReplyDeleteबहुत सही कहा आपने,ईश्वर ने तो मनुष्य को स्वर्ग सा धरती दिया,पर मनुष्य ने उसे नरक बनाने में कोई कोर कसार नहीं छोड़ी है...ईश्वर लोगों को सद्बिद्धि दें की वे शांति और अहिंसा के पथ पर चल सकें...
sabhi tasveerein ek se badhkar ek.........aakhir dharti ke swarg ki jo hain...........hongi kyun nhi.
ReplyDeleteishwar aapki kaamna poorna kare ..........hum sabki bhi yahi kamna hai.........aur jo aap mehsoos karte honge uska shanansh bhi hum shayad mehsoos nhi kar pate honge.
http://redrose-vandana.blogspot.com
http://vandana-zindagi.blogspot.com
http://ekprayas-vandana.blogspot.com
आपको स्वस्थ होकर वादियों में घूमते देख मन वैसे ही प्रसन्न हो गया।
ReplyDeleteतश्वीरें बेहद खूबसूरत हैं।
अरे बहुते खबसूरत है कश्मीर की तस्वीर.....और क्या लिखते हैं कंचन जी के वीर....
ReplyDeleteऐसा ही कुछ झलक इहाँ भी दीखता है....कनाडा में....का कहते हैं समीर जी ठीक बोले न हम....शायद मौसम बईमान हो जाता है इ समय....
लाल, नीला, पीला, बैगनी, गुलाबी, सफ़ेद पेड़.....बस फूल ही फूल .... सोच रहे हैं....इहाँ का भी दरसन कराइये देवें...
बाकि आपके फोटोग्राफर साहिब को बहुत बहुत थैंक्यू कह दीजियेगा ....ब्लाग जगत का पूरा मंडली का तरफ से...
और जो आप कह रहे हैं....शांति की बात ....उसके लिए हमसब की तरफ से ...आमीन
behtarin tasveere..
ReplyDeleteaur bilkul sahi kaha..
aise swarg ka aananad uthane ka hak sabhi ko hai... :)
हाँ जी गुरु भाई , पहुँच गए ड्यूटी पर, खैरियत है .. क्या खूब छटा बिखेरी है आपके कर्नल साहिब ने ... वाह मजा आगया वेसे पोस्ट तो बहुत पहले ही पढ़ और देख चुका था मर अजब सी मसरूफियत होने के कारन टिपिया नहीं पा रहा था ,... घर में सभी खरियत है अछि बात है ...
ReplyDeleteउम्मीद करता हूँ कश्मीरियत का मौसम सौहार्द और ख़ुशी के साथ लौटे...
बधाई
अर्श
pahali baar aapke blog dekha. Tasveer bahut hi aakarshak lagi. Aapka blog bhi bahut achha laga.
ReplyDeleteBahut shubhkamnayen.
फोटोग्राफी आँख का खेल है, जो इंसान आँख से इतनी ख़ूबसूरती पकड़ सकता है वो ही निहायत खूबसूरत इंसान हो सकता है...दिल से भी और दिमाग से भी...वर्ना क्या वहां के बाशिंदे इस ख़ूबसूरती को कभी देख पायें हैं? यदि देख पाते तो इनता खून खराबा होता...कौन है जो इन खूबसूरत मंज़रों को बारूद की गंध और धुएं से बर्बाद करने पर तुला है...मेरा सलाम कर्नल विवेक को...हम तो उनके कायल हो गए...
ReplyDeleteनीरज
देरी से आने पर क्षमा...जयपुर से आज ही लौटा हूँ...आँखों पर मिष्टी छाई हुई है ...इन तस्वीरों की तरह मासूम और खूबसूरत...इन तस्वीरों को देख उसकी याद और भी शिद्दत से आने लगी है...सच.
ReplyDeleteनीरज
मैं तस्वीर का जानकार नहीं... कुछ तस्वीर सम्बन्धी गीत याद आये...
ReplyDeleteतस्वीर बनता हूँ , तस्वीर नहीं बनती
और
जो बात तुझमें है तेरी तस्वीर में नहीं...
वैसे पहली वाली सुन्दर में से सबसे सुन्दर लगी..
bahut khubsurat tasveere.
ReplyDeleteshubhkamnaye
wah goutamji, khoobsoorat,
ReplyDeleteisiliye to shayad shaahjnha ne kahaa tha..
jannat agar knhi he to bas ynhi he ynhi he ynhi he..
tasviro se kashmir ke darshan, haqiqat me kabhi ho to waah..jeevan ka aanand aa jaaye.../ pata nahi kab muraad poori hogi..
ओम जी के ब्लॉग पे आपकी टिप्पणी देखी तो चली आई .....ये खूबसूरत तसवीरें तो पहले देख चुकी थी बस टिप्पणी ही नहीं कर पाई ....सच कहा आपने ये खूबसूरती किसी जन्नत से कम नहीं .... कर्नल विवेक भट्ट जी का बहुत बहुत शुक्रिया इन हसीं नजारों को दिखाने के लिए .....बड़ी करके देखीं तो सच-मुच जलन होने लगी के काश हम भी होते वहाँ .....!!
ReplyDeleteबहुत् खूबसूरत् तस्बीरें देखीं और् आज् हंस मे आपका पत्र भी देखा
ReplyDeleteवाह ! खूबसूरती बिखरी पड़ी है. डॉक्टर साब सही कहते हैं क्लीक करने से ही फोटोग्राफर बन जाए कोई यहाँ तो. वैसे आपके सीओ साहब की तारीफ तो करनी ही पड़ेगी.
ReplyDeleteतो मेजर साहब ड्युटी पर वापस । तसवीरें सचमुच दिलकश हैं ।
ReplyDeleteधरती के इस स्वर्ग में एक बार फिर से प्रेम-सौहार्द-भाईचारे और कश्मीरियत का मौसम लौटे, आइये सब मिलकर दुआ करें! आपकी दुआ में हम भी शामिल हैं ।
मैंने भी कभी इन्हीं आँखों से देखे हैं यह रंग. न जाने फिर कब देखने को मिलेंगे. चित्रों के लिए शुक्रिया!
ReplyDeleteबेहतरीन अभिव्यक्ति...
ReplyDeleteबधाई.............
:)
अभी अभी आपके दिए दोनों लिंक देखे....
ReplyDeleteपोस्ट और तस्वीएरों में उलझकर एक बात कहना भूल गया....
आपके सी ओ साहिब कोशिश करते हैं के जहां तक हो सके...प्रतिबिम्ब पर विशेष ध्यान देते हैं....
मुझे फोटोग्राफी की कोई समझ नहीं है...फिर भी ये बात मुझे ख़ास तौर पर पसंद आई...
आपकी दुआ के साथ साथ हम सब की दुआएं हैं....
देखें...
क्या करता है सर्वशक्तिमान........!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
बहुत खूब
ReplyDeleteबहुत -२ आभार
Meree tabiyat behtar hai...
ReplyDeleteAapki tasveeren to kamal hain..inhen mere fiber art ke miniatures me convert karneka man karta hai!
बहुत खूबसूरत तस्वीरें हैं..
ReplyDeletewaah behad khubsurat tasveerein hai, shayad yahi jannat hai, dua hai ye wadiyaan phir se khuli saans le,amen
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteGood pictures. How can I send/attach pictures?
ReplyDeleteeverybody has a plan till he gets a punch on the face...
ReplyDelete...However there is always a word called 'Fight Back' . So if life throws 'Kings' on you throw 'Aces' on him.
"कैसे आकाश में सूराख़ हो नहीं सकता
एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारो"
शायद कॉमेट कुछ दूर तक जलेगा.
इस ब्लौगाकाश में कोई सूराख बनाने की ख्वाहिश सचमुच ही हिलोर मार रही हो तो उसके लिये यहाँ डटे रहना जरुरी है.
Agreed that 'One can't win or loose after he is dead.'
लेकिन तब जब ये राम और रावण का युद्ध हो और केवल युद्ध हो धर्म युद्ध नहीं, महाभारत में भीष्म ने खुद शिखंडी वाली चाल बताई थी, और जब तक वो अमर थे तब तक शायद वो कम अमर थे आज मर के ज़्यादा हैं. विरोध के अनेक रूप हैं और अपने को सिस्टम से अलग करना (अस्थाई या स्थाई रूप से) भी उनमें से एक हो सकता है. और इसमें सफलता की गुंजाईश ज़्यादा होती है और सफलता न भी मिले तो आप उस हारे हुए सिस्टम का हिस्सा नहीं थे ये ख़ुशी भी बहुत मायने रखती है...
..Kind of "दिल को खुश रखने को..."
Kashmir ke 'post cards' dekh kar 10-12 saal pehle ke wo greeting cards yaad ho aaiye jo papa ko office se milte they aur phir kai dino tak baith ke har kisi ko bhejte the. New Year, Christmas & Seasons Greeting Ek 'paravarik utsav' tha unko bhar bahr ke bhejna 15 paise ka stamp. 25 December nazdeek hai isliye wo 'Nostalgia'.
'Khair SMS bhi to 3 rupiye ke ho gaye hain un khaas dino ke liye, Mano 'Surbhi' ke liye banaiye gaye 'Special Post Cards' hon.
वाह !
ReplyDeleteक्या छटा है ! यह कौन चित्रकार है ?...