विगत दो-एक हफ़्ते अजीब-सी मायूसियाँ लिये हुये थे। निष्ठा, लगन और जुनून के बावजूद हासिल हुई विफलता उतावली हो उठी थी नियति, प्रारब्ध, सर्वशक्तिमान के अस्तित्व और खुद अपनी ही क्षमता पर अलग-अलग प्रश्न-चिह्न खड़ा करने को। ...और जब इन से उबर कर उठा तो आकाश की शहादत ने एक बार फिर से इन प्रश्न-चिह्नों को ला खड़ा कर दिया है।
आकाश- मेजर आकाशदीप सिंह। मुझसे एक साल जुनियर था और उससे मैं कभी मिला नहीं था। हमारी ट्रेनिंग-एकेडमी अलग थी। ...किंतु नौ सितम्बर की वो करमजली सुबह जब इस जीवट योद्धा के धराशायी होने की खबर लेकर आयी तो लगा कि आकाश से रिश्ता तो कई जनमों का था...कई जनमों का है। नियंत्रण-रेखा के पास उस पार से आने वाले चंद सरफ़िरे मेहमानों के स्वागत में घात लगाये बैठा आकाश अपने AK-47 पर सधी उँगलियों से दो को मोक्ष दिलवा चुका था। तीसरे की खबर लेने जो जरा वो पत्थरों की आड़ से बाहर आया तो दुश्मन की एक मात्र गोली जाने कैसे छाती से चिपकी उसकी बुलेट-प्रूफ जैकेट को चकमा देती कमर के ऊपर से होते हुये उसके हृदय तक जा पहुँची। ...और अपने पीछे छोड़ गया वो अपनी बिलखती सहचरी दिप्ती, चार वर्षिया खुशी औए डेढ़ साल के तेजस्वी को। तेजस्वी को तो कुछ भान नहीं कि उसका पापा कहाँ है, लेकिन खुशी ताबूत में लाये गये पापा के पार्थिव शरीर को देखते ही रो पड़ी थी।
आपसब भारतीय सेना के इस जांबाज आफिसर की दिवंगत आत्मा को सलाम दीजिये ...तब तक मैं अपने कुछेक प्रश्न-चिह्नों से निबट कर जल्द ही मिलता हूँ अपनी अगली पोस्ट में!!!
न्यूज़ रूम में यह खबर जैसे ही फ्लैश हुई थी यकायक आपका चेहरा मेरा जेहन में कौंधा था... मैंने सोचा कोई लिखे न लिखे आप जरूर यह खबर हमारे साथ बाँटेंगे... आकाशदीप... इस नाम की जयशंकर प्रसाद की कहानी पढ़ी होगी आपने...
ReplyDeleteसीमा से कुछ और भी बुरी खबरें हैं... आपके साथ हम भी कान वोही लगा कर सोते हैं... आप चिंता मत करो आकाशदीप के लिए इंडिया गेट पर जवान भी सलामी दे रहे हैं और यहाँ से हम भी...
कुछ फूल हैं ....... और कुछ आंसू, और साथ है मेरा ह्रदय शोक-संतप्त परिवार के साथ
ReplyDeleteबहुत दुखदायी घटाना है पढी है पहले सिवा इसके कि उनकी आत्मा की शान्ती के लिये और परिवार को साहस देने के लिये भगवान से प्रार्थना कर सकते हैं और उन बच्चें और पत्नि के लिये शायद शब्द ही नहीं हैं सिवा दो आँ सूबहाने के उन्हें इस शहादत के लिये क्या दें आपको बहुत बहुत आशीर्वाद्
ReplyDeleteबहुत दुख की ख़बर है, ईश्वर मन में धैर्य और विश्वास दे!
ReplyDeleteदुखद पूर्ण है यह ..
ReplyDeletebhagwaan unke pariwar ko takat our himmat de taki asahniy dukh ko sah sake ................us yodha ko mera slam our kotikoti naman.....
ReplyDeleteसब नियति का खेल है ! मेजर आकाश को मेरी श्रधांजलि! इससे ज्यादा हम लोग कुछ कर भी नहीं सकते क्योंकि इंसान ऊपर से ही किस्मत लिखवा के लाता है ! जिन्होंने ये कांटे बोए थे, उनकी औलादे जनपथ के आस-पास के हाई सिक्यूरिटी जोन में पीढी दर-पीढी खूब फल फूल रही है, खूब ऐश कर रहे है ! आज वो कांटे किसे चुभ रहे है उससे इन्हें क्या फर्क पड़ता है? ये तो अपनी किस्मत किसी अच्छी कलम से लिखवा कर लाये थे ! अब कल की ही बात है हमारा एक और कुशल लडाकू पायलट पंजाब में मिग विमान की भेंट चढ़ गया, २५.२५ साल पहले खरीदे गए ये विमान भी तो आखिर मशीनरी ही तो है ! समय के साथ उनका भी ह्रास हो जाता है, लेकिन उन्हें बदने के लिए हमारे आन्कावो के पास धन नहीं है, हां अगर इनको बंगला नहीं मिले तो फाइव स्टार होटल में लाख-लाख रूपये रोज के किराये पर रहने के लिए पूरा धन है !
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ReplyDeleteखुदाए बरकत तेरी ज़मीं पर
ReplyDeleteज़मीं की खातिर ये जंग क्यूँ है
क्या कहा जाये...लेकिन इश्वर बताएगा क्या कसूर है उन दो मासूम बच्चों और बिलखती युवा पत्नी का जिनसे उनका सहारा उसने छीन लिया है? दिल को दुखी करती पोस्ट.
नीरज
क्या कहूँ......हृदयविदारक है....
ReplyDeleteईश्वर बच्चों तथा दीप्ती जी को अपरिमित धैर्य तथा अपना सहारा दें...
वतन के सपूत , जांबाज़ सिपाही आकाशदीप जी को सलाम...
हम क्या कर सकते हैं सिर्फ सहानुभूति को शब्द कहने के सिवा ...मन इन शहीदों को कोटि कोटि नमन करता है
ReplyDeleteक्या कहें मेजर साहिब....
ReplyDeleteहम नियति के बारे में सोचते रह जाते हैं और नियति अपना काम कर जाती है...
सर्वशक्तिमान का अस्तित्व और अपनी क्षमता.........!!!
आह....!!
आप भी तो कुछ और ही लिखने वाले थे...
lakhon baar salaam, bharat mata ke is veer sapoot ko, aur ashrupurna shradhanjali.
ReplyDeletejo peechey rah gaye..unhe himmat de ishvar
ReplyDeleteहम रहें न रहें यह देश रहे का जज्बा लेकर न जाने कितने रणबाँकुरे अपना सीना खोले खड़े रहते हैं निशिदिन देश की सुरक्षा के निमित्त । कलेजा मुँह को आ रहा है । हम इन सबकी शहादत से विरम कर न जाने क्या हो बैठे हैं आज !
ReplyDeleteश्रद्धांजलि । अश्रुपूरित भाव-दीपार्चन ।
मेजर आकाश को सलाम -ऐसी शौर्य और पराक्रम से युक्त अमरता आकाश जैसे जाबाज को ही मिलती है ! समूचा राष्ट्र कृतग्य है !
ReplyDeleteक्या कहूँ आँखे नम हो जाती है और शब्द नही निकलते है। बच्चों के बारें में सोचकर दिल घबराने लगता है। छोटी सी बच्ची का रोता चेहरा देखकर हिम्मत नही हो रही कुछ और कहने की........
ReplyDeleteकहने को कुछ नही है, एक वीर योद्धा के साथ ऐसा कभी भी घट सकता है, और वो वस्तुत: यह जान कर ही इस क्षेत्र मे आते हैं. परंतु मासूम बच्चे, जीवन सहचरी और मा- बाप ..इन्होनें क्या कसूर किया?
ReplyDeleteइस खबर से सभी शोक सतंप्त हैं. उस जाबांज योद्धा को सलाम और आश्रितों को इस हृदयाघात को सहन करने की शक्ती दे, यही कामना है.
रामराम.
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ReplyDeleteबहुत सारा लिख कर फिर सब डिलीट कर दिया....! शब्दों में क्या कहा जाये...!
ReplyDeleteआप सौ साल जियो
ReplyDeleteइस तरह की किसी भी घटना के बाद दो ही बातें मेरे मन में आती हैं। पहली कि कैसे हम लोग हमारी रक्षा करनेवलों के प्रति यूँ उदासीन हो जाते हैं और दूसरी कि किस मिट्टी के बने होते हैं ऐसे लोग जो कि इस सबके बावजूद देश पर मरने के लिए तैयार हो जाते हैं।
ReplyDeleteआकाशदीप की क़ुर्बानी उस देश के लिये जिसके मंत्री एक लाख रुपये रोज़ के हाटल के कमरों में सरकारी खर्चों पर रह रहें हैं । मित्र विनीत चौहान की पंक्तियां याद आती हैं
ReplyDeleteलो मैं बीस लाख देता हूं तुम किस्मत के हेठों को
हिम्मत हैं तो लड़ने भेजें मंत्री अपने बेटों को
उस रात का एसएमएस उसी कारण था दरअसल समाचार चैनल काफी देर तक आकाशदीप का नाम न बता कर केवल मेजर ही बता रहे थे । ईश्वर मेरे अनुज को लम्बी उम्र दे ।
दुखी होता हूं सोच कर कि आकाशदीप जैसे लोग किन के लिये जान दे रहे हैं । केवल एक टिकर आता है समाचारों के नीचे कि एक मेजर शहीद । और वहां स्क्रीन पर जाहिल और निकम्मे पत्रकार आरुषी हत्याकांड पर स्पेशल स्टोरी दिखा रहे होते हैं । क्यों मरें सीमा पर जवान , इस देश के लिये जो शहादत की चर्चा भी नहीं करता । आरुषी की हत्या में बलात्कार है इसलिये वो दिखाया जा सकता है किन्तु आकाशदीप ..............। खैर ये मुर्दा देश है, कोई नहीं पूछता कि मिस्टर शशि थरूर आप ये तो लाख रुपये रोज के कमरे में रह रहे हैं ये लाख रुपये जनता के हैं तुम्हारे बाप के नही हैं जो यूं ऐश कर रहे हो । क्यों मरे कोई आकाशदीप कोई संदीप उन्नीकृष्णण कोई ऋषिकेश रमानी । क्यों जान दी संसद के बाहर कमलेश कुमारी, मतबार सिंह, बिजेंद्र सिंह, ओम, और उनके साथियों ने । इन निकम्मे नेताओं के लिये । जो जनता के पैसों पर एश कर रहे हैं । अंग्रेजों की कैद से छूटे तो इन नेताओं की कैद में फंस गये । हम आजाद हो ही कब पाये ।
बहुत गुस्सा हूं बहुत
जब आकाशदीप जैसे नौजवानों को जाते देखता हूं और भारत सरकार के मंत्रियों को एक एक लाख रुपये रोज के कमरों में ऐश करते देखता हूं तो मन करता है कि ..................
उनको मेरा सलाम जो मिट गए इस मिट्टी की खातिर जिसे माँ कहा करते थे वो...
ReplyDeleteमेजर आकाशदीप सिंह के चित्र को देखती रही - न जाने कब आँखें भर आयीं और मन में उदासी ने फिर क्षोभ
ReplyDeleteपैदा कर दिया और पारिवारिक चित्रोँ को देखकर, मन बहुत उदास हो गया है
मेरे श्रध्धांजलि भारत माता की सुरक्षा में अपने खून से , इस देश को हराभरा रखनेवाले
वीर सैनिकों के लिए अपार श्रध्दा सहित अर्पित है -- --
ना जाने भारत कब सुरक्षित होगा ?
कब ऐसे युध्ध रुकेंगें ?
आज यहां अमरीका में भी ९ / ११ में ,
निर्दोष इंसानों की मृत्यु का गम
फिर हर हो गया है -
आप को मेरे आर्शीवाद -
- धैर्य और हिम्मत रखियेगा --
जय हिंद !!
जय हिंद की सेना !!
- लावण्या
भारत माता के सपूत को विनम्र श्रद्धांजली, नमन।
ReplyDeleteसीमा पर एक और शहादत का समाचार बेहद दुखद है.
ReplyDeleteमेजर आकाशदीप जैसे जांबाजों के कारण ही हम आज़ाद देश में सांस ले रहे हैं.
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे उन्हें हमारी भावभीनी श्रद्धांजलि .
बच्चों को देखकर ही आँखें भर आयीं
ईश्वर उनके परिवार को इस दुःख को सहने की शक्ति दे.
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-आप अपने प्रश्न चिन्हों से निबट कर जल्द आईये.
असीम श्रद्घा, नमन और दो बूँद आंसू शहीद के नाम और मंगलकामनाएं पीछे छूटे उस वीर परिवार को जिसे एक लंबा सफ़र अकेले ही तय करना है. अफ़सोस, की देश के लिए जान देने वाले हर वीर की कहानी यही होती है.
ReplyDeleteअमर शहीद मेजर आकाश को मेरी भाव भीनी श्रधांजलि..आगे कुछ भी कहने के लायक नहीं हूँ.. अल्लाह मियाँ मेरे भाई को लम्बी उम्र बख्शे... दुआएं हमेशा ही ...
ReplyDeleteअर्श
मेजर आकाश को मेरी श्रधांजलि! बच्ची ओर अन्य फ़ोटो देख कर रोना निकल गया, लेकिन इस खबर को हमारी सरकार क्या समझ सके गी, वो तो इस के हत्यारो को पेंशन देने की सोच रही है, कुछ समझ मै नही आता इस देश का वीर जवान अपनी जान दे रहे है, ओर नेता सुयरो की तरह से हमारा खुन पी कर हमारे ही जवानो के कातिलो को खुशियां बांट रहे है, उन के परिवार वालो की फ़िक्र है इन को लेकिन जो जवान देश की रक्षा मे जान गवा रहे है इन की नही, इन के परिवार की नही..... है राम
ReplyDeleteशहीद मेजर आकाशदीप को नमन...अभी कुछ दिनों पहले ही तो सुन रहा था अब्दुल हमीद और उनके पिताके बीच संवाद...और हमीद का कहना मैं घर आऊं या ना आऊं पर खबर जीत की आयेगी....सच इस घटना ने तो कई प्रश्न उठा दिये हैं मन में.....
ReplyDeleteअति दुखद समाचार!!!
ReplyDeleteशहीद मेजर आकाशदीप को नमन!
आप वीरों की वजह से ही तो भारत चैन की नींद सोता है और जब ऐसे जवान के शहीद होने की खबर आती है तो मन रो उठता है.
शब्द नहीं, भाव पहुँचें आप सब वीर जवानों को!
shrdhha ke pushp arpit karti hoo mejar aakash deep ko .eshvar unke shok santapt privar ko shnshkti prdan kre .
ReplyDeletemejar akashdeep ki shahadat ko koti -koti salam .
hmari aankhe nam ho gai par kya is privar ki aankho ki nami sookh payegi kbhi ?
सलाम करता हूं भारत मां के सच्चे सपूत को।आंसू तो हमारे भी बडी मुश्किल से रूके हैं।
ReplyDeleteMeri bhi shradhanjli hai in veer saputo ko...jo apni jaan ki bazi hum logo ki liye laga dete hai...
ReplyDeleteMEJOR AAKAASH KO SALAAM HAI, UK KI BAHAADURI KO NAMAN HAI, UNKI JAABAAJI KO NATMASTAK HAIN HUM SABHI .....
ReplyDeleteAISE VEER MARTE NAHI HAIN AMAR HO JAATE HAIN.... HAMAARE DESH KA PARCHAM AISE HI VEER JAWAANON KI BADOULAT LAHRA RAHA HAI ......
ReplyDeleteदिवँगत को वुनम्र श्रद्धाँजलि,
नमन उन हुतात्माओं को जिनके बल पर देशवासी सुरक्षित हैं ।
देशसेवा और मातृभूमि का कर्ज़ अदा करने में शहीदों को मोक्ष अवश्य ही मिला होगा ।
किन्तु स्व. आकाशदीप के एके 47 से मारे गये शैतानों को तो कयामत के दिन का इंतज़ार करना पड़ेगा ।
सारी दुनिया देख रही है कि, उन्हें कयामत लाने की कितनी जल्दी है ! आकाशदीप को पुनः नमन !
Goutam ji
ReplyDelete......................................................................................
es veer ki shahadat ko bhavpurn naman.ishwar unke parivaar ko es dukh ki ghadi mein sambhalne ki shakti de.
ReplyDeleteशहीद मेजर आकाशदीप को नमन.
ReplyDeleteश्री पंकज सुबीर से पूरी तरह सहमत. सचमुच इन हरामखोरों पर इतना गुस्सा आता है कि.................
Gautam sir kuch na keh paaonga.
ReplyDeletekanchan ji jaisa hi haal hai...
RIP Akashdeep.
मेरी श्रद्धांजलि. मेरी खामोशी.
ReplyDeleteमेरा एक और भाई चला गया...
ReplyDeleteपता नहीं क्या ये सिलसिला रुक नहीं सकता...
हम उसके परिवार के साथ हैं...
मीत
मेजर साहब,
ReplyDeleteहम यहाँ आते हैं, और हर बार अपने शब्दों को कितना लाचार पाते हैं !!
बस श्रद्धा से नतमस्तक हैं मेजर आकाशदीप के सामने...
padh kar bahut hi ziyada dukh hua
ReplyDeletekhuda-vand se duaa hai k poore parivaar ko apni muqaddas sharan mei rakkhe,,,himmat hausla aur apni hifaazateiN ataa farmaae...aur
....
aankh se jo ek qatraa giraa hai...
bs yahi shraddhaanjlee de paya hooN
Kanchan ji ki duaaoN meiN shaamil hooN maiN bhi
---MUFLIS---
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ReplyDeleteMaj Gautam main shaamil hun aapke saath is dharti ke ek aur saput ko yaad karne aur shradhanjali dene main.Shahadat hi shaheed ke baare main itna kuch bol jaati hai ki kuch aur kahne ki jarurat hi nahin rahti..but as a woman,my heart goes out to Mrs Singh and the kids..
ReplyDelete---------------
ReplyDeleterounga nahi/
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shradhdhanjali///
जांवाज रक्षक को प्रणाम /नमन अश्रुपूरित श्रधांजलि
ReplyDeleteबहुत दुःख हुआ है देश के इस नुक्सान पर.
ReplyDeleteदिवंगत आत्मा को सलाम
मेरी श्रधांजलि समर्पित !
कई दिन पहले जब ये न्यूज़ फ्लेश हुई थी तो दिल डूबा सा था ..मन में यही सवाल उठा था कैसे कुछ सरफिरे लोगो की खातिर एक आदमी को अपनी जान देनी पड़ती है ....पर उनके शहर में उमड़ी भीड़ को देखकर ये भी शांति हुई की इस देश में जान देने वालो के लिए आम आदमी के मन में अभी भी गहरी इज्ज़त है .शायद यूँ भी के वो सिर्फ अपनी खातिर मर जी रहा है ..मुझसे पहले किन्ही साहब ने ठीक कहा है....ये देश का नुकसान है ...
ReplyDeleteसलाम !!!
ReplyDeleteगौतम जी, आपकी व्यस्तताओं में हमारी बेकरारी बढ़ती ही जाती है फ़िर आपकी जिम्मेदारी भी तो सही मायनों में जिम्मेदारी है. कुछ और जगह भी आपके दस्तखत देखे हैं.
...........agar ho sake to ye tashveeren hata deejiye.
ReplyDeletenaina
...........agar ho sake to ye tashveeren hata deejiye.
ReplyDeletenaina
मेजर आकाशदीप को और उनके बलिदान को सश्रद्ध नमन और श्रृद्धांजलि ! कैसे भेद देती है बुलेटप्रूफ़ जैकिट को एक गोली ? बहुत से प्रश्नचिन्ह छोड़ जाते हैं ऐसे बलिदान ! ईश्वर उनके परिवार को शक्ति दे इस आघात को सहने की !
ReplyDeletePahle bhi aayi thi Goutam ji aapke blog pe ....bachi ka masoom chera dekh man itana bhari ho gya ki coment likha hi nahi gya .....
ReplyDeletekya kahun....us veer ke charnon pe mere sradha suman hain .....aur us stri ke kandhe pe santvana ka hath .....!!
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ReplyDeleteबस यही पर आक्रोश पनपता है कि यह बेकार के युद्ध बन्द हो जाना चाहिये ।
ReplyDeleteपोस्ट तो पहले ही पढ ली थी लेकिन कुछ कहने की स्थिति नहीं हुई. ऐसी दिल को झकझोरने वाली खबर पढकर मन अजीब सी क़ैफ़ियत में आ जाता है. पता नहीं कहां-कहां जा पहुंचता है.
ReplyDeleteईश्वर हमारे वतन के रखवालों को सुरक्षित रखें. बस यही कह सकता हूं
मेजर आकाशदीप सिंह को नमन ...................
ReplyDeleteबातें तो जेहन में बहुत हैं मगर सिर्फ बातों से क्या होगा????????????
गौतम भाई,
ReplyDeleteतीसरी बार इस पोस्ट को पढ़ा है.हर बार आवेश क्रोध असंतोष के भावों में कई बाते मस्तिष्क के पटल में आकर गुजर गयी ...पर कुछ लिख पाने में असफल रहा...अभी भी कुछ टिप्पणी करने की इच्छा नहीं हो रही है...बस मेजर आकाशदीप को मन से श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके परिवार को साहस देने की ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ..
gautam sir na jaane kitni baar is post ko padh chuka hoon...
ReplyDeleteaur aapke ishwar ke prati vishwaas ki anymanasykta bhi.
karan ye ho ya koi aur....
jo bhi ho par,
...apse kya kahoon aapko kya samjhaaon ?
"chota muh badi baat...."
"the show must go on bhi to nahi keh sakta"
इस पोस्ट पर क्या कहूं तीन बार पढ़ चूका हूँ. कुछ समझ नहीं आता क्या लिखा जाए :(
ReplyDeletemejar aakashdip ko shradha suman arpit kaiti hun ........bhagwan unhe unse bhi bada aakash de .
ReplyDelete...Is shahadat par Salute !!
ReplyDeleteNaaz hai Hame ese bhartiy sena ke sipahi per...
ReplyDeleteशहीद मेजर आकाश के निधन से अपूरणीय क्षति हुई है. परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना है कि वे दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों को इस शोकाकुल घड़ी
ReplyDeleteमें धैर्य प्रदान करें.
the heartless gross biomass of these socalled thick skinned politicians would not melt by mere words.
ReplyDeleteI suggest that there must be a public movement for making one year of compulsary military duty (at rank of havildar) for all politicians who are elected for parliament, state assemblies and minsiterial positions. this duty must be performed after every win in election and before assuming charge of any ministry or any governemnt office. This only will make them sensitive to demands of defending borders of India.
On a second note, the above may include IAS, IFS & PCS brats - one year of posting as havildar for every ten years of service.
If implmented, the nation will see more professional, SLIM (-not pot bellied paan chewing) and sensible public servants.
Tharror has helped greatly by bringing prevailing insensitivity and arrogance to attention of common Indian public.
India is now like Nero's ROME, someone is making massive stone idles while the state is slipping into anarchy caused by ever increasing unemployment, paan chewing politicinas from bihar ruining important governemnet ministries. this is happening at a time when a northern neighbour with coonivance of pakistan and bangladesh is flexing muscle to teach India a lesson. Just imagine how india will look when Kashmir and Arunanchal pradesh are wrested away from India.