tag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post8754074319872887..comments2024-03-10T12:25:40.638+05:30Comments on पाल ले इक रोग नादां...: एरिक सिगल की स्मृति में...गौतम राजऋषिhttp://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comBlogger61125tag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-91639745624565509722010-01-30T23:04:40.726+05:302010-01-30T23:04:40.726+05:30किताब पढ़ने मे आपको फिल्म से ज़्यादा मज़ा आया .. म...किताब पढ़ने मे आपको फिल्म से ज़्यादा मज़ा आया .. मै इस बात को रेखांकित करना चाहता हूँ ।शरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-4491433399785590332010-01-30T21:01:24.860+05:302010-01-30T21:01:24.860+05:30इन्हें पढ़ा तो हमने भी नहीं मेज़र साब...
लेकिन सोच...इन्हें पढ़ा तो हमने भी नहीं मेज़र साब...<br />लेकिन सोच रहे हैं ..इन्होने आखिर ऐसा क्या लिखा होगा...<br /> के इन के लिखे पर आपने इतनी शिद्दत से लिखी है पोस्ट...<br /><br />मल्लिका कि फिल्में तो यूं भी नहीं देखते हम..और ये भी आपने एकदम सही कहा है..कि फिल्में किताबों के साथ न्याय नहीं कर पातीं...<br /><br />शायद हम पढ़ते समय हर चीज को अपने ढंग से देखते सोचते हैं.....<br />पढ़ते वक़्त हमारी खुद कि कल्पनाएँ होती हैं...<br /><br />जब कि फिल्म में निर्देशक कि नज़र से सब देखा जाता है..<br /><br /><br />खूब कही आपने..के ये साहब अब ऊपर वाले को सुना रहे होंगे दास्ताने-इश्क...<br />ऊपर वाला उनकी आत्मा को शान्ति दे........<br /><br /><br />पर क्या आशिक कि रूह को शान्ति दे सकता है वो....???manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-51698447634899624302010-01-30T17:20:17.953+05:302010-01-30T17:20:17.953+05:30pehli bar apke blog par aaya hoon
behtreen laga s...pehli bar apke blog par aaya hoon <br />behtreen laga sir ji........संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-51054404686119327032010-01-30T17:19:06.039+05:302010-01-30T17:19:06.039+05:30हमारी भी श्रृद्धांजलि!हमारी भी श्रृद्धांजलि!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-81507485783849185702010-01-30T16:43:07.383+05:302010-01-30T16:43:07.383+05:30राजऋषिजी,
किसी प्रिय का जाना दुखदायी होता है, फिर ...राजऋषिजी,<br />किसी प्रिय का जाना दुखदायी होता है, फिर किसी ऐसे रचनाकार का जाना, जिसने हमारी भावनाओं को सहलाया-दुलराया हो, माथे पर शीतल छाया दी हो कभी, लम्बे समय तक सालता रहता है ! इस पोस्ट में आपकी वही पीड़ा मुखरित हुई है.<br />एरिक सिगल को पढ़ा तो नहीं है, लेकिन आपकी इन पंक्तियों से और जिस शिद्दत से ये बयान लिखा गया है, उससे जान सका हूँ कि उन्होंने संसार के लोगों पर अपनी लेखनी का कैसा जादू बिखेरा है ! सिगल कि आत्मा को शांति मिले--यही कामना ! मेरी श्रद्धांजलि भी !<br />--आ.आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-21576260039963494542010-01-30T08:44:29.905+05:302010-01-30T08:44:29.905+05:30मेजर साब
नेट में तकनीकी खराबी होने के कारण आपकी ये...मेजर साब<br />नेट में तकनीकी खराबी होने के कारण आपकी ये दिल को छू जाने वाली पोस्ट देर से पढ़ी. भाई क्या कमाल लिखा है एरिक सिगल को हमारी भी भावभीनी श्रद्धांजलि...........!Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-35176620504521467502010-01-30T08:42:21.698+05:302010-01-30T08:42:21.698+05:30मेजर साब
नेट में तकनीकी खराबी होने के कारण आपकी ये...मेजर साब<br />नेट में तकनीकी खराबी होने के कारण आपकी ये दिल को छू जाने वाली पोस्ट देर से पढ़ी. भाई क्या कमाल लिखा है एरिक सिगल को हमारी भी भावभीनी श्रद्धांजलि...........!Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-20072168740286052132010-01-30T02:55:54.780+05:302010-01-30T02:55:54.780+05:30दो साल पहले यहीं पुणे में एक दोस्त के फ़्लैट पर एक...दो साल पहले यहीं पुणे में एक दोस्त के फ़्लैट पर एक वीकेंड इस बुक के नाम किया था... कई फिल्में कॉपी लगती हैं इसकी. <br />श्रद्धांजलि !Abhishek Ojhahttps://www.blogger.com/profile/12513762898738044716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-84512271711267748572010-01-30T01:45:19.515+05:302010-01-30T01:45:19.515+05:30ताज्जुब नहीं अगर फिल्मों के प्लाट वहां से हैं , ये...ताज्जुब नहीं अगर फिल्मों के प्लाट वहां से हैं , ये तो रीति ही है :) <br />लेखन और फिल्म से रू-ब-रू नहीं हुआ क्योंकि ज्ञान ही नहीं था एरिक सिगल के बारे में <br />और फिल्म देखने का संयोग जीवन में कम ही बना है ... <br />.<br />श्रद्धांजलि ,,,Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-80984056822651494112010-01-29T22:41:03.249+05:302010-01-29T22:41:03.249+05:30नब्बे के दशक में ही इस किताब को पढ़ने का मौका लगा थ...नब्बे के दशक में ही इस किताब को पढ़ने का मौका लगा था और ये पसंद भी आई थी। पर आज १५ १६ वर्षों बाद इसकी कहानी के बारे में कुछ याद नहीं रहा। ये किताब युवाओं और किशोरों में आज भी उतनी ही लोकप्रिय है जितनी तब थी। एरिक सीगल नहीं रहे ये मुझे आपकी पोस्ट से ही पता चला।<br /><br />दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-46794062793891332972010-01-29T21:55:28.151+05:302010-01-29T21:55:28.151+05:30padhaa to nahi kabhi magar ab padhni padegi ... fi...padhaa to nahi kabhi magar ab padhni padegi ... fir bataa paunga ... :)<br /><br /><br /><br />arsh"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-36064517875328200542010-01-29T18:33:02.059+05:302010-01-29T18:33:02.059+05:30meri bhi shradhanjali.meri bhi shradhanjali.Yogesh Verma Swapnhttps://www.blogger.com/profile/01456159788604681957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-69283828854354635372010-01-29T16:32:53.026+05:302010-01-29T16:32:53.026+05:30अब तक जो अच्छे काम करने से बच गये हैं, उनमें एक है...अब तक जो अच्छे काम करने से बच गये हैं, उनमें एक है एरिक सीगल को पढ़ना।<br />अब तो पढ़ ही लूंगा।Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-36135282713387454952010-01-29T09:52:25.201+05:302010-01-29T09:52:25.201+05:30kya karen gautam bhai...prem karen ya prem padhen....kya karen gautam bhai...prem karen ya prem padhen...<br />waqt jara kam ho jaata hai...<br /><br />par aapne kaha hai to jaroor padhenge...jaroorओम आर्यhttps://www.blogger.com/profile/05608555899968867999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-37819526151938209672010-01-29T09:19:08.868+05:302010-01-29T09:19:08.868+05:30लव स्टोरी बेहतरीन पुस्तक एवं फिल्म थी। काफी समय मै...लव स्टोरी बेहतरीन पुस्तक एवं फिल्म थी। काफी समय मैंने इस पर <a href="http://unmukt-hindi.blogspot.com/2007/05/love-story.html" rel="nofollow">यहां</a> लिखा था। हांलाकि मुझे उनकी लिखी अन्य पुस्तकें नहीं पसन्द आयीं।उन्मुक्तhttps://www.blogger.com/profile/13491328318886369401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-85305373308068321002010-01-29T02:58:09.899+05:302010-01-29T02:58:09.899+05:30एरिक सीगल , ग्रीक माय्थोलोजी के प्रोफ़ेसर भी रहे -...एरिक सीगल , ग्रीक माय्थोलोजी के प्रोफ़ेसर भी रहे - लव स्टोरी की आशातीत <br />सफलता से वे भी विस्मित थे परंतु आपकी और मेरी तरह, इस सरल सी परंतु सच्ची प्रेम कहानी ने कईयों को भीतर तक <br />रुला दिया था - अच्छी पोस्ट है गौतम भाई - hamaaree भी shradhdhanjali <br />स स्नेह <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-25417452610821627722010-01-29T00:50:23.876+05:302010-01-29T00:50:23.876+05:30महान लेखक को हमारी ओर से भी श्रृद्धांजलि
वीनस केश...महान लेखक को हमारी ओर से भी श्रृद्धांजलि<br /><br />वीनस केशरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-44818379206856817712010-01-28T22:57:15.836+05:302010-01-28T22:57:15.836+05:30आपकी पोस्ट के माध्यम से दिमाग में आ गई हैं इनकी ...आपकी पोस्ट के माध्यम से दिमाग में आ गई हैं इनकी किताबें । किताबें खरीदतें वक्त ध्यान में रहेंगी । कुमार विनाद जी की गजल के लिए शुक्रिया । वाकई में दुष्यंत जी भेदन क्षमता है , ऑब्जर्वेशन है ।अर्कजेशhttp://arkjesh.blogspot.com/2010/01/blog-post_27.htmlnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-75113586527659233782010-01-28T22:24:32.804+05:302010-01-28T22:24:32.804+05:30Eric Segal.....Afsos hai ham inhe padh nahi paaye....Eric Segal.....Afsos hai ham inhe padh nahi paaye....Parkinson ho gaya tha....issey man aur jyada aahat hua....Ishwar unki aatma ko shanti pradan kareinप्रियाhttps://www.blogger.com/profile/04663779807108466146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-31931844034235635252010-01-28T21:52:56.618+05:302010-01-28T21:52:56.618+05:30.
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Eric Segal का नाम तो बहुत सुना था पर पढ़ा नह....<br />.<br />.<br />Eric Segal का नाम तो बहुत सुना था पर पढ़ा नहीं कभी उन्हें...अब जब आपने इतनी शिद्दत से याद किया है उन्हें तो कल ही लाता हूँ उनका लिखा कुछ... और पढ़ता हूँ।<br />दिवंगत लेखक को श्रद्धांजलि।प्रवीण https://www.blogger.com/profile/14904134587958367033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-29809569643025244272010-01-28T21:46:38.764+05:302010-01-28T21:46:38.764+05:30कालेज़ के दौर में मैने भी पढ़ा था
इतना प्रभावित तो न...कालेज़ के दौर में मैने भी पढ़ा था<br />इतना प्रभावित तो नहीं हुआ पर मज़ा ज़रूर आया था।<br /><br />मेरी भी विनम्र श्रद्धांजलिAshok Kumar pandeyhttps://www.blogger.com/profile/12221654927695297650noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-88376410136121563532010-01-28T20:44:22.738+05:302010-01-28T20:44:22.738+05:30ek bhawbheeni shradhanjliek bhawbheeni shradhanjliरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-11380421379324199872010-01-28T19:00:40.590+05:302010-01-28T19:00:40.590+05:30..लो उस म्यूजिक को मैने और डॉक साब से एक ही वक्त प.....लो उस म्यूजिक को मैने और डॉक साब से एक ही वक्त पर याद किया..दीर्घजीवी होगा!!:-)अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-62454770769874014402010-01-28T18:58:52.388+05:302010-01-28T18:58:52.388+05:30एक और वाक्य है ’लव स्टोरी’ से जो मैं शर्त लगा सकता...एक और वाक्य है ’लव स्टोरी’ से जो मैं शर्त लगा सकता हूँ कि आपको अभी भी याद होगा..<br /><br />"True love comes quietly, without banners or flashing lights. If you hear bells, get your ears checked.”<br /><br />लव-स्टोरी के मध्यम से ही उनकी कलम से परिचय हुआ था...और दोबारा एक मित्र के प्रोजेक्ट के लिये उस किताब का सिनॉप्सिस लिखते वक्त फिर एक बार उस कलम के जादू मे डूबा था...विशेषकर नॉवेल मे उन्होने दोनो प्रमुख पात्रों का जो चरित्र-चित्रण किया था (खासकर लड़की का)उससे प्रभावित हुए बिना नही बचा था..कि लगता था कि दोनो को आप उतना ही अच्छे से जानते हैं..जितना के लेखक खुद..कैरेक्टर के सारे शेड्स जीवंत से लगते थे..खैर ’लव-स्टोरी’ पढ़ने के उस ’फेज’ से शीघ्र ही आगे बढ़ गया था..मगर अभी अखबार मे यह दुखद खबर पढ़ कर चरित्र फिर दिमाग मे घूम गये थे..<br />हाँ याद आया कि इस पुस्तक पर बनी फ़िल्म (अंग्रेजी) तो थीक-ठाक थी..मगर उसका म्यूजिक...उफ़..नशा..अभी भी दिमाग मे बजता है!!(शायद उसका संगीत ऑस्कर मे भी गया था शायद)<br />हमारी भी श्रद्धांजलि!! और आपको आभार!अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-45921458445579085112010-01-28T18:56:59.816+05:302010-01-28T18:56:59.816+05:30हमारे हॉस्टल के हीरो थे ...एरी साहब .....मेडिकल मे...हमारे हॉस्टल के हीरो थे ...एरी साहब .....मेडिकल में एडमिशन लेते ही उनकी किताब डॉक्टर्स अक्सर सिरहाने आ जाती थी ....लव स्टोरी का ये आलम था के असर प्यार में ये किताब गिफ्ट की जाती थी .....ओर इसका म्यूजिक ....आज भी लेपटोप में बंद है .खास तौर से इंस्ट्रुमेंटल वाला .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com