tag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post7024666379659411978..comments2024-03-10T12:25:40.638+05:30Comments on पाल ले इक रोग नादां...: कितने हाथों में यहाँ हैं कितने पत्थर, गौर कर...गौतम राजऋषिhttp://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-71967286928917949342017-08-09T22:10:31.789+05:302017-08-09T22:10:31.789+05:30गौतम भाई यदि देश के हालातों से अलग सिर्फ धर्म की म...गौतम भाई यदि देश के हालातों से अलग सिर्फ धर्म की मत भिन्नताओं के आधार पर अगर विचार किया जाए तो घाटी के सैनिकों से लेकर देश के प्रधानमंत्री और लोगों का संयमित व्यवहार, सहिष्णुता की मानसिकता सब व्यर्थ प्रतीत होती है। क्योंकि मतों और धर्मों की भिन्नता दुनिया में कभी भी एकता नहीं ला सकती। मतों, धर्मों और सिद्धान्तों का संघर्ष वैदिक काल के बाद निरंतर रहा है। हमारे समय के शासक और बुद्धिजीवी अगर सोचें कि वे इस पर नियंत्रण पा लेंगे तो यह मूर्खतापूर्ण कल्पना के सिवाय कुछ नहीं। ठोस उपाय ही रास्ता है। आर-पार का सीन ही निर्णायक होगा। क्यों आपको नहीं लगता। <br />Harihar (विकेश कुमार बडोला) https://www.blogger.com/profile/02638624508885690777noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-48689844270418605582017-08-09T21:39:34.139+05:302017-08-09T21:39:34.139+05:30फिर भी उठ कर आये हैं
कितने ही सर....
फिर भी उठ कर आये हैं <br />कितने ही सर....<br />Dayanand Aryahttps://www.blogger.com/profile/05806267941810654316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-5639650680877507532017-08-09T09:33:46.537+05:302017-08-09T09:33:46.537+05:30कश्मीर घाटी का बहुत ही स्तब्ध करनेवाला, दिमाग को झ...कश्मीर घाटी का बहुत ही स्तब्ध करनेवाला, दिमाग को झंझोड़नेवाला विश्लेषण।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-1495895563648683262017-08-09T05:21:52.086+05:302017-08-09T05:21:52.086+05:30स्तबध हूँ !स्तबध हूँ !प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.com