tag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post3435527163407891405..comments2024-03-10T12:25:40.638+05:30Comments on पाल ले इक रोग नादां...: मेजर ऋषिकेश रमानी - शौर्य का नया नामगौतम राजऋषिhttp://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comBlogger65125tag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-74114390228506833582009-08-14T23:42:56.140+05:302009-08-14T23:42:56.140+05:30I salute the martyrs ! I have been a witness to th...I salute the martyrs ! I have been a witness to the saga of summer '99 !मुनीश ( munish )https://www.blogger.com/profile/07300989830553584918noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-35363915699872545262009-07-12T11:34:35.317+05:302009-07-12T11:34:35.317+05:30नमननमनअभिनवhttps://www.blogger.com/profile/09575494150015396975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-45369384176850395532009-06-23T13:01:35.192+05:302009-06-23T13:01:35.192+05:30m.m.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-36495173933494863252009-06-23T07:31:44.912+05:302009-06-23T07:31:44.912+05:30मोबाइल पर आपकी गजल सुन रहा था,,,
वो चीड के जंगल का...मोबाइल पर आपकी गजल सुन रहा था,,,<br />वो चीड के जंगल का जो मंज़र आँखों के आगे खिंच गया है उसी का प्रभाव बार-बार ले आता है ,,<br />जाने क्या कर गुजर जाने का जूनून साफ़ नजर आ रहा है ,<br />आपके इस छोटू की आँखों में,,, जिंदगी से लबरेज़ मुस्कान में,,,रात को देर तक सुना,,<br />और इस नौजवान के कारनामे कल्पना में घुमते रहे,,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-42353851346721320722009-06-22T15:10:08.455+05:302009-06-22T15:10:08.455+05:30ctrl+c ctrl+v ----> manu ji ka comment !!
i ...ctrl+c ctrl+v ----> manu ji ka comment !!<br /><br />i salute you guys !!<br />times and over !!दर्पण साहhttps://www.blogger.com/profile/14814812908956777870noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-62999154648936048372009-06-22T07:20:47.059+05:302009-06-22T07:20:47.059+05:30ओह,
कुछ भी लिखना मुश्किल है,,,,
इस छोटू के बारे मे...ओह,<br />कुछ भी लिखना मुश्किल है,,,,<br />इस छोटू के बारे में,, पढ़कर ,, सुनकर,,, और आपकी खोयी आँखों में देख कर भी,,manuhttps://www.blogger.com/profile/11264667371019408125noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-19349299119032386342009-06-21T13:36:53.623+05:302009-06-21T13:36:53.623+05:30इस नन्हे मेजर को हमारा भी सलाम
आपने ग़मगीन कर देन...इस नन्हे मेजर को हमारा भी सलाम <br />आपने ग़मगीन कर देने वाली पोस्ट लिखी है और कई चुभने वाले प्रश्न पूछे हैंrajkumarihttps://www.blogger.com/profile/15696124036282860508noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-63838707204851666882009-06-20T12:21:52.595+05:302009-06-20T12:21:52.595+05:30We are proud of our army and commanders like u.
__...We are proud of our army and commanders like u.<br />_____________<br />अपने प्रिय "समोसा" के 1000 साल पूरे होने पर मेरी पोस्ट का भी आनंद "शब्द सृजन की ओर " पर उठायें.KK Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05702409969031147177noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-10628993687143951442009-06-19T19:17:37.522+05:302009-06-19T19:17:37.522+05:30रखा चूम कर फूल तेरे क़दमों पे
भुला न पायेगें शहाद...रखा चूम कर फूल तेरे क़दमों पे <br />भुला न पायेगें शहादत तेरी जवानी की ....!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-43753684455686259182009-06-17T20:34:12.847+05:302009-06-17T20:34:12.847+05:30kuchh esa hota he jnha shabd nahi bante aour hrad...kuchh esa hota he jnha shabd nahi bante aour hraday boltaa he/ hradaya kaa bolna uska roodan aawaaz viheen hota he/// yeh sunaai use hi dega jiskaa hraday vishudhdha bhavnaao se vyaapt ho/<br />mera naman// bhaavna ese bhi vyakt ki jaati he...<br /><br />aapki iske pahle vaali post par mera vechaarik man kuchh likh rahaa he...jise apne blog par post karne ki soch rahaa hoo/अमिताभ श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/12224535816596336049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-66286500813803544082009-06-16T22:08:42.964+05:302009-06-16T22:08:42.964+05:30आपके तीनो दोस्तों "ऋषि, उननी और मोहित " ...आपके तीनो दोस्तों "ऋषि, उननी और मोहित " के शहीद होने की दास्तान सुनकर दिल थोड़ा काँपा तो .. पर अपने आँसुओं पर काबू किया और दिल ही दिल मे इन <br />शहीदों को सेलयूट किया ....देश के समाचार पत्रो की तो बात ही छोड़ दीजिए ...वो सिर्फ़ नेताओं के किस्से और चोरी , लूटमार की कहानियाँ ही छपते हैं ...इन शहीदों के शोर्य के क़िस्से हमारे दिलों पर छपे हैं ...इन्हे किसी समाचार पत्र की आवश्यकता नही हैं .....एक बार फिर आपके दोस्तों को नमन .Renu goelhttps://www.blogger.com/profile/13517735056774877294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-58478459460075423662009-06-16T05:09:44.759+05:302009-06-16T05:09:44.759+05:30बहुत दिनों से है ये सिलसिला सियासत का
कि जब जवान ह...बहुत दिनों से है ये सिलसिला सियासत का<br />कि जब जवान हों बच्चे, तो क़त्ल हो जायें<br /> साहिरDr. Amar Jyotihttps://www.blogger.com/profile/08059014257594544439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-55750096530347499022009-06-16T03:39:14.057+05:302009-06-16T03:39:14.057+05:30मेजर ऋषिकेष को भावभीनी श्रद्धांजलि। तुम जैसे सभी स...मेजर ऋषिकेष को भावभीनी श्रद्धांजलि। तुम जैसे सभी सिपाहियों को नमन।Manoshi Chatterjee मानोशी चटर्जी https://www.blogger.com/profile/13192804315253355418noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-2049863792680022122009-06-15T16:33:09.014+05:302009-06-15T16:33:09.014+05:30आपकी बात में दम है ।
हम जो भी कहें शहीदों के लिये ...आपकी बात में दम है ।<br />हम जो भी कहें शहीदों के लिये कम है ।<br />श्यामgazalkbahanehttps://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-74008724015711175312009-06-14T23:55:28.881+05:302009-06-14T23:55:28.881+05:30मेजर साहब
आपकी इस रचना ने तन मन को झ्क्झोकर रख दि...मेजर साहब<br /><br />आपकी इस रचना ने तन मन को झ्क्झोकर रख दिया |मै नत मस्तक हुँ उन सैनिकों के लिए जो हमे चैन की जिन्दगी जीने देते है|<br />मुझे राष्ट्र कवि माखनलाल चतुर्वेदीजी की एक कविता की कुछ पंक्तिया यद् आरही है ;<br /><br />पुष्प की अभिलाषा<br /><br />चाह नही सुरबाला के घनो में गुंथा जाऊ<br />चाह नही सम्राटो के शव पर सजा जाऊ<br />मुझे फेक देना वनमाली<br />उस पथ पर<br />जिस पर जाते वीर अनेक<br /><br />हो सकता है शायद इस कविता के शब्दों में मेरे लिखने में कोई कमी रह गई हो तो माफ़ी चाहती हुँ |शोभना चौरेhttps://www.blogger.com/profile/03043712108344046108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-33633568396204661732009-06-14T17:44:36.749+05:302009-06-14T17:44:36.749+05:30गौतम जी ,
आपने एकदम सही लिखा है ...हम ऐसे देश में ...गौतम जी ,<br />आपने एकदम सही लिखा है ...हम ऐसे देश में रह रहे हैं जहाँ फिल्म स्टार्स ,क्रिकेटर्स ,खद्दरधारियों को तो मुख्य पृष्ठ ..हेड लाइंस में रखा जा सकता है ..पर देश के लिए बलिदान होने वाले जांबाजों को <br />वहां जगह नहीं मिलती ....मेरा इन सभी शहीदों को सलाम ...और इनके माता पिता को भी जिन्होंने ऐसे वीरों को जन्म दिया .<br />हेमंत कुमारडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-31719943423442592212009-06-13T18:17:24.840+05:302009-06-13T18:17:24.840+05:30गौतम जी,
शहीद ऋषिकेश रमानी को सलाम......
नम आँख...गौतम जी,<br /><br />शहीद ऋषिकेश रमानी को सलाम...... <br /><br />नम आँखों से <br /><br /><br />मुकेश कुमार तिवारीमुकेश कुमार तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/04868053728201470542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-82353161760973067982009-06-13T12:29:29.126+05:302009-06-13T12:29:29.126+05:30गौतम जी,
आपका दर्द समझ में आता है............ आप ज...गौतम जी,<br />आपका दर्द समझ में आता है............ आप जैसे संवेदनशील ह्रदय की भावना मैं समझ सकता हूँ मेरा मन भी कुछ उदास हो गया. <br />ऋषिकेश रमानी जी की शहादत को सलाम और नमन. ये कडुवा सच है की हम संवेदन हीन हो गयी हैं.......... मीडिया, नेताओं और इस चकाचोंध भरी दुनिया ने मानवी रिश्तों और संवेदनाओं को मर दिया है.........ऐसे वीर सेनानी जो देश और हम लोगों के लिए कुर्बान होते है.......... उनका नमो निशाँ कंही नज़र नहीं आता............मीडिया वो ही छापता है जो मसालेदार हो, फिर एक सेनानी की मौत की क्या कीमत उनके लिए.............दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-83827307558689037402009-06-13T09:01:50.412+05:302009-06-13T09:01:50.412+05:30पढ कर आँख के आँसू थम नहीं रहे ऐसी कितनी ही प्रतिभा...पढ कर आँख के आँसू थम नहीं रहे ऐसी कितनी ही प्रतिभायें हम से विछुड गयी आज मुझे ये रचना कैप्टन अमोल कालिया की याद दिला गयी जिसे बचपन से पल पल देखा खिलाया था व्प हमारे पडोसी थे मगर कारगिल मे मारा गया आज भि वो दृश्य जब उसकी लाश शहर मी आयी थी दिल चीर देता है 1अपका दर्द बाखुबी समझ आता है 1मेजर रमानी जी को सादर नमन व श्रद्धा सुमन अर्पित करती हूँ आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-40798545281860098482009-06-13T05:19:03.189+05:302009-06-13T05:19:03.189+05:30मेजर ऋषिकेश रमानी की वीरता एवं बलिदान को नमन है मे...मेजर ऋषिकेश रमानी की वीरता एवं बलिदान को नमन है मेरा. क्या कहूं कुछ समझ नहीं आ रहा, शब्द साथ छोड़ रहे हैं.......<br /><br />साभार<br /><a href="http://woyaadein.blogspot.com/" rel="nofollow">हमसफ़र यादों का.......</a>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-25783444282022963922009-06-13T03:35:27.405+05:302009-06-13T03:35:27.405+05:30मेजर ऋषिकेश रमानी को नमन.क्या कहूँ!!मेजर ऋषिकेश रमानी को नमन.क्या कहूँ!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-19552665972920597262009-06-13T00:17:25.692+05:302009-06-13T00:17:25.692+05:30मन में बहुत कुछ आ रहा है..पर लिख नहीं पा रहा हूँ....मन में बहुत कुछ आ रहा है..पर लिख नहीं पा रहा हूँ.क्या वीर और शहीद शब्द पर्याप्त है....???क्या यह कहने से कि 'शहीदों की चिताओं पे लगेंगे हर बरस मेले...'से हम सब के कर्तव्य पूरे हो जाते है?और क्या कभी वास्तव में कहीं मेले लगे है?हम शायद ही जान पाएं कि जो फौलाद हमारे जवानों ने अपने सीने पर रोका है,अगर वो न रोकते तो हमारा क्या होता...?हमारे मीडिया के ठेकेदार जो ख़बरों के रूप में सडांध पेश कर के अपने को लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ कहते है वो जानते ही नहीं कि अपनी अभिव्यक्ति की आजादी,लोकतंत्र और सारा भारत आज सोमालिया सा जल रहा होता अगर मेजर ऋषिकेश तेरह गोलिओं को अपने सीने से न रोक देते..हवा और पानी की तरह आजादी भी अगर सुलभ हो तो हमें वह तुच्छ लगती है..इनकी कीमत उन लोगों को ही पता होती हैं जिनसे ये छीन लिए जाते है...आज मेरे देश के वीरों के साथ आम जनता है..सरकार नेता पत्रकार तो क्या है यह हम अपने दिल में सुनते है...<br />ऋषिकेश की शहादत के मायने है...<br />मेरे बच्चे सुरक्षित है और रोज स्कूल जाते है , क्योंकि उन्होंने इस के लिए जान दी है,<br />मैं आजाद हूँ अभी तक, क्योंकि मेरी आजादी बचाने के लिए अपना सर्वस्व न्योच्छावर करने के लिए मेजर ऋषिकेश थे...<br />मैं स्वात के लोगों की तरह शरणार्थी नहीं हूँ ,क्योंकि उन्होंने मेरे वतन में पहला नापाक कदम रखने से पहले ही आक्रान्ताओं को जमींदोज कर दिया था.<br />मैं रोज सुबह अपने बगीचे में फूलों के बीच बैठता हूँ क्योंकि वो रात और दिन बारूद के बीच बैठा करते थे...<br />मेरे कसबे में आये दिन उत्सव और उल्लास होते रहते है क्योंकि उन्होंने अपना घर और परिवार इसलिए छोडा था कि किसी भी कसबे की खुशियों को नजर न लगे...<br />मेजर ऋषिकेश रमानी का वीरगति को प्राप्त होना मेरी और मेरे जैसे सौ करोड़ भारतियों की अत्यंत निजी क्षति है...आशा करता हूँ कि कोई नेता,कोई पत्रकार, कोई बुद्धिजीवी,कोई अफसर, या कोई भी व्यक्ति जो अपने आप को आम भारतीय से भिन्न समझता है, मेरे और मेरे परिवार कि संवेदनाओं के बीच आकर दुःख नहीं पहुंचाएगा....<br /><br />हाँ,मेरे लिए ऋषिकेश के जाने से बहुत फर्क पड़ता भले ही मैं उन्हें जनता नहीं था.<br /><br />एक आम भारतीय<br />(प्रकाश सिंह )प्रकाश पाखीhttps://www.blogger.com/profile/09425652140872422717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-64222855376234313822009-06-13T00:15:43.845+05:302009-06-13T00:15:43.845+05:30कभी कभी शब्द गौण और भावनाएं मुखर हो जाती है
क्या ...कभी कभी शब्द गौण और भावनाएं मुखर हो जाती है <br />क्या कहूँ ..कहने को शब्द नही हैं.L.Goswamihttps://www.blogger.com/profile/03365783238832526912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-63287994691748229872009-06-13T00:12:51.455+05:302009-06-13T00:12:51.455+05:30गोतम भाई आप की बातो मे जो दर्द है, वही दर्द मुझे भ...गोतम भाई आप की बातो मे जो दर्द है, वही दर्द मुझे भी अंदर तक झंझकोर देता है, हम कितने मतलबी हो गये है कि किसी नेता के मरने पर पुरे प्रदेश मै छुट्टी मनायेगे, चाहे वो नेता कोई गुंडा ही रहा हो, फ़िर क्रिकेट के खिलाडियो कॊ सर आंखो मे बिठायेगे, ओर यह सरकार भी उसे अरबो रुपयो मे तोले की, फ़िर कई अन्य संस्थाये भी , टीवी चेनल भी यानि उन का सात पिढीयो का काम हो गया, ओर दुसरी तरफ़ एक शहीद जो हम सब की रक्षा , इस देश की रक्षा के लिये भरी जवानी मै , अपने मां बाप की बुढापे की लाठी, अपने छोटे छोटे बच्चो को बेसहारा छोड कर चला जाता है, ओर उस के लिये किसी के भी दिल कोई जगह नही आंखो मे कोई आंसू नही, उन के बच्चे उस के बाद कहा कहां की ठोकरे खाये गे कुछ पता नही, अगर गलती से इस देश ने उस के आश्रितो को कोई जमीन का टुकडा, कोई पेट्रोल पम्प भी दे दिया तो उस पर भी कब्जा तो इन्ही नेताओ का होगा, अब यह शहीद किस लिये हुआ, क्या उस के मां बाप चाहेगे कि इस देश पर अपने सारे बच्चे नोछाबर कर दे, जिसे के लिये यह शहीद अपनी जान दे रहे है उसी देश के निकम्मे नेता उसी देश को बेचने पर तुले हो....<br /><br />हैरान करती है ये बात कि देश के किसी समाचार-पत्र ने ऋषि के इस अद्भुत शौर्य को मुख-पृष्ठ के काबिल भी नहीं समझा, ओर मुझे परेशान करती है यह सब बाते, दिल करता है .....<br />मेरे उस बच्चे को सलाम जिस ने हम सब के लिये अपनी जान खो दीराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2664283281552350964.post-69462445869846952882009-06-12T23:46:12.228+05:302009-06-12T23:46:12.228+05:30आया आपको पढ़ा और कुछ कहे बिना जा रहा हूँ छमा करियेग...आया आपको पढ़ा और कुछ कहे बिना जा रहा हूँ छमा करियेगा <br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.com